गुरुवार, 28 अगस्त 2008

बुधवार, 27 अगस्त 2008

संता बंता जोक्स ( चुटकुले )

संता अपने बेटे से: इतने कम मार्क्स, दो थप्पड़ लगाने चाहिए बेटा: हाँ पापा, चलो, मैंने मास्टर जी का घर भी देखा है आगे पढ़ें...

फनी परिभाषाएं ( चुटकुले )

पड़ोसी : वह महानुभाव जो आपके मामलों को आपसे ज्यादा समझते हैं। आगे पढ़ें...

गुरुवार, 21 अगस्त 2008

कहानी: माँ वैष्णोदेवी

आपने जम्मू की वैष्णो माता का नाम अवश्य सुना होगा। आज हम आपको इन्हीं की कहानी सुना रहे हैं, जो बरसों से जम्मू-कश्मीर में सुनी व सुनाई जाती है। कटरा के करीब हन्साली ग्राम में माता के परम भक्त श्रीधर रहते थे। आगे पढ़ें...

बुधवार, 20 अगस्त 2008

रोमांटिक हिंदी शायरी

इश्क में हम तुम्हे क्या बताये किस कदर चोट खाए हुए हैं
मौत ने हमको मारा है और हम जिंदगी के सताए हुए हैं आगे पढ़ें...

मंगलवार, 19 अगस्त 2008

कहानी: कान भरने वालों से दूर रहें

किसी नगर में चित्ररथ नाम का एक राजा रहता था। उसके राज्य में पद्मसर नामक एक सरोवर था जिसकी सुरक्षा का प्रबन्ध राजकर्मचारियों के हाथ में था। उस सरोवर में हेमवर्ण के हंस निवास करते थे। वे हंस छः-छः मास बाद अपने स्वर्ण पंख गिराया करते थे और राजा उन्हें ले लिया करता था। आगे पढ़ें...

रविवार, 17 अगस्त 2008

मस्त चुटकुले

एक सरकारी कार्यालय में अकाउंटेंट के पद के लिए एक उम्मीदवार का आगे पढ़ें...

शुक्रवार, 15 अगस्त 2008

चुटकुले ही चुटकुले (जोक्स)

चुटकुले पड़ो और हंसो चुटकुले कैसे लगे ये भी बताओ आगे पढ़ें...

लड़की का दिल कैसे जीते?

जिस पर आप जान छिड़कते हैं, उस लड़की को पटाना कोई आसान काम नहीं होता। यह तो वे भी जानते हैं, जिन्होंने लड़की पटाने में महारथ हासिल कर ली है। लड़कियां केवल सपनों में ही न रहें और आपको आपकी पसंद की लड़की हमसफर के रूप में मिल जाए, इसके लिए हम सुझाते हैं कुछ नुस्खे आगे पड़े

गुरुवार, 14 अगस्त 2008

कहानी: सत्य ने प्राण बचाये

करीबन एक हजार साल पहले शेख अब्दुल क़ादिर अल-जिलानी नाम के एक भारी सन्त पैदा हुए थे। जब वे केवल 8 वर्ष के थे, उन्होंने एक दिन एक गाय को यह कहते हुए सुना, ‘‘चरागाह के मैदान में यहाँ तुम क्या कर रहे हो? इसके लिए तुम्हें नहीं बनाया गया है।'' वह डरकर तुरन्त दौड़ता हुआ अपने घर चला गया और अपने घर की छत पर चढ़ गया। वहाँ से उन्होंने देखा कि भारी संख्या में लोग हजारों मील दूर मक्का के पास अरफात पहाड़ से हज करके लौट रहे हैं। आगे पड़े